बंगलादेश ने पूरी दुनिया को पीछे छोड़ते हुए रचा नया इतिहास। यह इतिहास पेट्रोल और डीज़ल के भाव में एक बारी में अधिकतम बढ़ोतरी का है। बांग्लादेश में पेट्रोल ओर डीज़ल की डाल लगभग 52 फ़ीसदी बढ़ाए गए जिससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों को ईंधन स्टेशनों के आसपास और बांग्लादेश में तोड़फोड़ करते देखा गया। बंगलादेश में सरकार के ख़िलाफ़ जमकर प्रदर्शन हो रहा है कई जगाओ पर तो बेक़ाबू लोगों की भीड़ ने कई जगहों पर वीरोध में आग भी लगा दी है। बांग्लादेश सरकार ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार ठहराया है।
सरकार ने डाल दिया लोगों को सदमे में
बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था 416 अरब डॉलर की है। पिछले कई वर्षों से दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही है, लेकिन बढ़ती ऊर्जा और खाद्य कीमतों ने इसके आयात बिल को बढ़ा दिया है, जिससे सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित वैश्विक एजेंसियों से ऋण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। बंगलादेश में महंगाई दरें पहले से ही 7 फ़ीसदी के ऊपर चल रही है, जिसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है। उसके ऊपर से तेल के दामों में रातों रात बढ़ोतरी को लेकर सरकार ने लोगों को सदमे में डाल दिया है उसके वीरोध में ग़ुस्साए लोग सड़कों पर ऊतर कर सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं। जनता बेहाल और परेशान है।
बांग्लादेश की पोलिस ने भीड़ को क़ाबू में करने के लिए मोर्चा सम्भाला हुआ है। गुस्साई भीड़ को क़ाबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े जा रहे हैं। लेकिन भीड़ क़ाबू में होती दिखाई नही दे रही है। मंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के बाद कीमतों को समायोजित किया जाएगा। सभी ने जनता को शांत रहने के लिए आग्रह किया है।
जैसे श्रीलंका में पेट्रोल डीज़ल जनता की पहुँच से बाहर हो गए थे, बांग्लादेश में भी कुछ उसी तरह के हालात बनते दिख रहे है। क्या बंगलादेश श्रीलंका की तरह कंगाली की राह पर चल पड़ा है?
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