विजय देवराकोंडा और अनन्या पांडे स्टारेर फिल्म ‘लाइगर’ की बॉक्स ऑफिस में बुरी स्थिति है। इस फिल्म ने इतना बुरा प्रदर्शन किया है कि दक्षिणी वितरकों ने कई करोड़ों खो दिए हैं। इसकी पुष्टि करें, दक्षिणी वितरकों में से एक, वारंगल श्रीनू ने मीडिया को बताया, ‘मैं अपने निवेश का 65 प्रतिशत तक खो दिया है।
ई-टाइम की रिपोर्टों के अनुसार, फिल्म निर्माता पुरी जगन्नाध ने वितरकों को मुआवजा प्रदान करने का फैसला किया है, जिन्हें लाइगर विफल होने पर बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा। पुरी जल्द ही हैदराबाद में उन वितरको से मिलेंगे और जल्द ही मुआवजे की घोषणा करेंगे।
आपको याद दिलाएं कि वारंगल श्रीनू वही व्यक्ति है जो ‘लाइगर’ की विफलता को बायकॉट ट्रेंड के चलते दोषी ठहराता है। ई-टाइम के साथ बात करते हुए, उन्होंने कहा, इस बायकॉट का खामियाजा गरीब क्रू मेंबर्स को उठाना पड़ता है, यह सब सीधा सीधा उनके परिवार को हिला कर रख देता है। इस तरह के रुझानों से फिल्म को कम किया जाएगा और उत्पादन में शामिल गरीबों को बोझ को वहन करना पड़ेगा। वे आर्थिक संकट का सामना करेंगे और उनके परिवारों को रोटी प्राप्त करना मुश्किल होगा।
उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के सोशल मीडिया के रुझान को ख़त्म कर देना चाहिए जोकी कई लोगों द्वारा साज़िश कि रूप में हमारे ख़िलाफ़ आए दिन किए जा रहे हैं।बिना फ़िल्म को देखे आप फ़िल्मों को बायकॉट कैसे कर सकते हैं ? पहले उन्हें देखें अगर पसंद ना आए तो आपका जो मन हो वेसा करें। फ़िल्म को बिना देखे ऐसा करना बिल्कुल सही नही है।
लाइगर की बात करें तो यह कहना पूरी तरह से सच नहीं है कि फिल्म ना चलने के पीछे केवल सोशल मीडिया के बायकॉट ट्रेंड की वझ से पहुंचता है, लाइगर फ़िल्म के रिव्यू भी कूच ख़ासे नही रहे है। जिसके चलते फ़िल्म निर्मताओ को नुक़सान हुआ है।
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