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सब क्यों अपना रहे आयुर्वेद को, ऐसा क्या खास है आयुर्वेद में?

आयुर्वेद आज की दुनिया में अव्वल नंबर पर आता है और आयुर्वेद हर बीमारी को सही करने में माना गया है जहां-जहां चिकित्सा विज्ञान विफल हुआ है वहां- वहां आयुर्वेद ने अपनी मदद करके लोगों को सारी बीमारियों से राहत दी है |

सर दर्द उन बीमारियों में से एक है 

आयुर्वेद सर दर्द में काफी ज्यादा इफेक्टिव है तो आयुर्वेद की मदद से भी सही किया जा सकता है |

पूरी दुनिया स्वस्थ संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ रही है इसीलिए आयुर्वेदा और योग का रास्ता अपनाया जा रहा है और कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आयुर्वेदा भी शामिल था |

कोविड-19 के उपचार में चयनित और मानकीकृत आयुर्वेदिक दवाइयों के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग का मूल्यांकन करने के लिए इन्नोवेटिव क्लीनिक ड्रग ट्रायल की घोषणा की गई है आधुनिक चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक विधियों के साथ मिलकर इस भयानक संक्रमण बीमारी का प्रबंधन और संबंधित विषयों की कवायद में जुटे |

आयुष मंत्रालय के प्रतिरक्षा प्रणाली और स्वास्थ्य में सुधार के लिए कई प्रसिद्ध आयुर्वेद और युवक के उपयोग पर आम जनता के लिए एक एडवाइजरी जारी की है |

संस्कृत के 2 मूल शब्द दो आयुर्वेद से मिलकर बना है आयुष का अर्थ है जीवन या दीर्घायु और वेद का अर्थ है विज्ञान या पद वती लोग एलोपैथिक थेरेपी के साइड इफेक्ट से तंग आकर आयुर्वेदिक उपचार में रुचि दिखा रहे हैं हिंदू माइथोलॉजी के अनुसार आयुर्वेद का आरंभ ब्रह्मा ने किया था |

जैन बौद्ध और इस्लाम धर्म में भी इसकी कुछ और धाराएं धारणाएं और प्रथाएं व्याप्त की गई है आयुर्वेद पर व्यवस्थित रूप में सबसे पुराने ग्रंथ चरक संहिता सुख सुता सुख संहिता और अष्टांग ह्रदय आदि मौजूद है यह ग्रंथ अंतरिक्ष में पाए जाने वाले पांच तत्व पृथ्वी जल वायु और आकाश के बारे में बताते हैं |

आयुर्वेद प्राचीन भारतीय प्राकृतिक और समग्र वैदिक शास्त्र चिकित्सा पद्धति है एलोपैथिक औषधीय विषम चिकित्सा रोक के प्रबंधक पर केंद्रित जबकि आयुर्वेदिक पद्धति रोग की रोकथाम उसके मूल कारण को चाहने पर बल देती है मनुष्य के शरीर में तीन जैविक तत्व वाद यानी वायु तत्व यानी अग्नि तत्व और कथ्यानी यानी जल तत्व |

प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों के मुताबिक जड़ी बूटियों के अलावा कुछ खनिज और धातु पदार्थों का भी उपयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है व्यक्ति संतुलित भोजन दिनचर्या और आहार-विहार का अनुसरण करके निरोग रह सकता है |

एक स्वतंत्र विभाग 1995 में स्थापित किया गया था जिससे साल 2003 में आई हुई आनी आयुर्वेद यूनानी और होम्योपैथी के रूप में निर्मित किया गया 2014 में आयुष मंत्रालय का गठन किया गया जो लगभग 4.8 लाख आयुर्वेद चिकित्सकों, 250 आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों 24 सौ से अधिक आयुर्वेदिक अस्पतालों और सैकड़ों आयुर्वेदिक फार्मेसी यों की देखरेख करता है और शिक्षा अनुसंधान और संरक्षण एवं औषधीय पौधों के संरक्षण आदि की दिशा में काम करता है |

महत्व 

आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्रकृति पर आधारित होना इसकी सबसे बड़ी महत्ता है इन चिकित्सा पद्धति का कोई अन्य दूर प्रभाव नहीं है कुछ घरेलू नुस्खे तो हमारी रसोई में भी उपलब्ध होते हैं जैसे हल्दी दूध पानी लॉन्ग अदरक तुलसी आदि ।

शरीर का वजन कम करके ब्लड शुगर को नियंत्रण करना और ब्लड प्रेशर को कम करना आदि के लिए भारतीयों ने प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक को अपनाया है जीवनशैली संबंधी विकारों और गैर संचारी रोगों के उपचार में आयुर्वेद का उत्कृष्ट रिकॉर्ड रहा है दवाइयों का सस्ता होना इसका महत्व बढ़ा देता है।

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